आज तक के इतिहास में हमारी धरती पर एक से बढ़कर एक महान व्यक्तियों ने जन्म लिया है। जो इतिहास के पन्नो में अपना नाम सदा के लिए अमर कर गए और इंसानियत को बहुत कुछ सिखा गए, आज हम बात करने वाले हैं दुनिया के 10 सबसे बुद्धिमान व्यक्ति यों की जो धरती पर अपनी एक अलग छाप छोड़ कर गए हैं।
दुनिया के 10 सबसे बुद्धिमान व्यक्ति | Top 10 Most Intelligent People
माइकल एंजेलो | Michelangelo :-
माइकल एंजेलो एक इतालवी मूर्तिकार, चित्रकार, वास्तुकार और कवि थे इनका जन्म 1475 तथा मृत्यु 1564 को एरेज़ो, टस्कानी के पास कैपेरेस मे हुआ था। माइकल एंजेलो की चित्रकला, मूर्तिकला और वास्तुकला के क्षेत्रों मे कई कृतियां विश्व की प्रसिद्धतम रचनाओं मे गिनी जाती है। अपनी रुची के हर क्षेत्र में उनका योगदान विलक्षण था; बचा हुआ पत्राचार, नमूने, और संस्मरणो की संख्या को देखते हुए, वह 16 वीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ प्रलेखित कलाकार माने जाते है।अपने जीवनकाल में,माइकल एंजेलो को अक्सर “अल डिविनो” (दिव्य व्यक्ति) कहा जाता था। वे खुद तो उदास किस्म के व्यक्ति थे लेकिन उनकी कलाकारी में कभी भी कोई उदासी नज़र नहीं आई । माइकल एंजेलो द्वारा बनायीं गयी सबसे प्रसिद्ध कलाकारी के नमूने निम्न हैं ।
- Head of a Faun
- Madonna of the stairs
- Crucifix
- Angel from The Ark of St Dominic
- Bacchus
- Pietà
- David
अन्य कलाकरी आप इस link पर जाकर देख सकते हैं – देखे माइकल एंजेलो की कलाकारी ।
अडोल्फ़ हिटलर | Adolf Hitler :-
20 अप्रैल, 1889 के दिन हिटलर का जन्म ऑस्ट्रिया में हुआ था। उसकी प्रारंभिक शिक्षा लिंज में हुई। पिता की मौत के बाद 17 साल की उम्र में हिटलर वियना चला गया। वियना में पोस्ट कार्ठ पर चित्र बनाकर अपना गुजारा करने लगा। और वही से हिटलर के दिल में साम्यवादियों और यहूदियों के लिए नफरत बढ़ने लगी। हिटलर के जन्म के समय जर्मन साम्राज्य दो साम्राज्यों में बंट चुका था- आस्ट्रिया और हंगरी। एक अजीब सा संयोग है कि यह दशक क्रांतिकारियों के ही नाम था। लेनिन, मुसोलिनी और स्टालिन सभी इसी काल में हुए।अपने कड़वे भाषणों की वजह से साल 1922 में हिटलर एक प्रभाव शाली व्यक्ति बन गया तथा उसने स्वस्तिक(हिन्दुओ का शुभ चिह्र) को अपने दल का चिह्र बनाया।
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साल 1923 में हिटलर ने जर्मन सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न किया पर इसमें वो असफल रहा, जिस वजह से उसे जेल में कैद कर लिया गया। जेल छूटने के बाद साल 1933 में हिटलर ने जर्मन संसद को नष्ट कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया और राष्ट्र को स्वावलंबी बनने के लिए ललकारा। नाज़ी दल के विरोधी व्यक्तियों को जेलखानों में डाल दिया गया। कानून बनाने की सारी शक्तियाँ हिटलर ने अपने हाथों में ले ली और साल 1934 में उसने खुद को सर्वोच्च न्यायाधीश घोषित कर दिया। उसी वर्ष हिंडनबर्ग की मृत्यु के बाद वो राष्ट्रपति बन बैठा जो पूरी दुनिया के लिए बदकिस्मती थी।
नाजी दल का आतंक जनजीवन के हर क्षेत्र में छा गया और साल 1933 से 1938 के बिच लाखों यहूदियों की हत्या कर दी गई। जर्मनी को आगे बढ़ने के लिए उसने वहां के सीमित संसाधनो और वहां की सेना का बहुत अच्छा प्रयोग किया । हिटलर की 30 अप्रैल, 1945 को बर्लिन में मौत हो गई थी। माना जाता है कि अपनी संभावित हार से हताश होकर उसने खुद को गोली मार ली थी ।
गाटफ्रीड लैबनिट्ज़ | Gatfried Wilhelm Leibniz :-
लैबनीज का जन्म जर्मनी के लिपजिग नामक स्थान पर 1 जुलाई 1646 को हुआ था। वे जर्मनी के वैज्ञानिक, दार्शनिक, गणितज्ञ, भौतिकविद्रा, जनयिक, इतिहासकार, विधिकार, व राजनेता थे। यही वो व्यक्ति है जिन्होंने सबसे पहले 1690 में कैलकुलेटर बनाया था आज के विज्ञानं और गणित में जो Integration और differentiation पढाये जाते हैं वो उनकी शुरुवात भी इन्होने ही की थी लेकिन दुखद बात तो यह है की जिस तरह का योगदान इन्होने इंसानियत को दिया उस तरह का सम्मान इनको कभी नहीं मिल सकता 70 वर्ष आयु में यह रोग ग्रस्त हो गए और इनकी सुध लेना वाला भी कोई नही था अन्त में उसकी मृत्यु 14 नवम्बर सन् 1716 ई. को हैनोवर नामक स्थान पर हो गयी।
सर इजेक न्यूटन | Sir Isaac Newton :-
यदि आपको science में थोडा बहुत भी Interest है । तो न्यूटन का नाम तो अपने जरुर सुना होगा, यह वो महान वैज्ञानिक हैं। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण यानि Gravity का पता लगाया isaac newton भौन्तिक विज्ञान, गणित, खगोलविद,धर्मशाश्त्र, और बहुत कुछ थे newton ने तीन सिधांत दिए।
न्यूटन का पहला नियम – कोई वस्तु विराम की अवस्था में है या वह एक सीधी रेखा में चल रही है तो वह वैसे ही चलती रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाहरी वल लगाकर उसकी अवस्था में परिवर्तन न किया जाए वस्तुओं की प्रारंभिक अवस्था में स्वत: परिवर्तन नहीं होने की प्रवृति को जडत्व कहते हैं इसीलिए न्यूटन के प्रथम नियम को जडत्व का नियम भी कहते हैं।
न्यूटन का दूसरा नियम- वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बल के अनुक्रमानुपाती होती है तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में होता है।
न्यूटन का तीसरा नियम – प्रत्यके क्रिया के बराबर परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।
और आज भी यह तीनो सिधांत विज्ञान के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं । इसीलिए इनको दुनिया के 10 सबसे बुद्धिमान व्यक्ति यों में गिना जाता है Top 10 Most Intelligent People
लियोनार्डो डा विंची | leonardo da vinci :-
जब भी अप leonardo da vinci का नाम सुनते हैं तो मोना लीसा की पेंटिंग दिमाग में घुमने लगती है और जब भी मोना लीसा की पेंटिंग का नाम आता है तो लियोनार्डो डा विंची का ज़िक्र भी होने लगता है लेओनार्दो डा विन्ची का जन्म 15 अप्रैल 1452 को इटली के विन्ची शहर में हुआ था और इसी कारण उनका नाम के पीछे विन्ची लगया गया है।
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लेओनार्दो डा विन्ची इटली की राजशाही के दौरान एक वैज्ञानिक खोजकर्ता व कलाकार के रूप में जाने जाते थे और आज भी वह अपनी प्रतिभा के लिए पुरे विश्व में जाने जाते हैं । पुरातत्वा वेता (archaeological heritage) द्वारा उनको दुनिया का सबसे सबसे प्रतिभाशाली व्यक्ति का दर्जा दिया गया है। Leonardo da Vinci एक ही बार में एक हाथ से लिख और दुसरे हाथ से पेंटिंग कर सकते थे । यह भी दुनिया के 10 सबसे बुद्धिमान व्यक्ति | Top 10 Most Intelligent People में से एक गिने जाते हैं
विलियम शेक्सपियर | William Shakespeare :-
शेक्सपियर का जन्म 23 अप्रैल 1564 में वार्विकशायर में स्ट्रैटफोर्ड-अपोन-एवोआ में हुआ था । विलियम शेक्सपियर को अंग्रेजी भाषा के सर्वश्रेष्ठ साहित्यकार और नाटककार के तौर पर जाना जाता है | 26 अप्रैल 1564 को इंग्लैंड के स्ट्रेटफोर्ड में जन्मे शेक्सपियर को “Bird of Heaven” की उपाधि दी गयी थी | उनके महानतम कार्यो में 38 नाटक, 154 चतुर्दश पदि कविता, 2 लंबी विवरणात्मक कविताये, और बहोत से छंद और लेखन कार्य शामिल है। उनके प्रारंभिक लेख और नाटक साधारणतः कॉमेडी होते थे। बाद में 1608 तक उन्होंने दुखांत नाटक लिखे, जिनमे हैमलेट, ऑथेलो, किंग लेअर और मैकबेथ भी शामिल है। 23 अप्रैल 1616 को विलियम शेक्सपियर William Shakespeare का देहांत हो गया था |
सिकंदर | Alexander the Great :-
Alexander the Great को India में सिकंदर भी कहा जाता है। Alexander का जन्म 356 ई. पूर्व ग्रीस में हुआ था । Alexander ने मात्र 25 साल की उम्र में ही उसने Anatolia, Syria, Phoenicia, Judea, Gaza, Egypt,Mesopotamia, Persia, तक्षशिला लगभग आधी दुनिया को जीत लिया था वह अपने सैनिको के बीच जाकर लड़ाई लड़ता था। उसने अपनी ज़िन्दगी में कभी कोई लड़ाई नहीं हारी इसलिए इतिहासकारों ने उसके नाम के साथ The great जोड़ दिया। Alexander the Great जो नाम इतिहास में हमेशा सबसे उपर रहता है क्योंकि अब नामुमकिन है कि कोई ऐसा व्यक्ति हो जो इतने बड़े क्षेत्र पर कब्ज़ा कर सके वह एक था जो अब नहीं है।
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लेकिन पश्चिमी इतिहासकार लिखते हैं कि झेलम के युद्ध में सिकंदर नें राजा पोरस को हराया था लेकिन सिकंदर के भारत से वापस लौटने पर उनके अलग अलग इतिहासकारों ने अलग अलग कारण बताये हैं । जिस से मुझे लगता है कि झेलम के युद्ध में सिकंदर नहीं बल्कि राजा पोरस की जीत हुई थी । और तभी सिकंदर को वापस जाना पड़ा । अगर सिकंदर जीत जाता तो वह तक्षशिला से आगे बढ़कर मगध पर भी आक्रमण कर सकता था लेकिन वह भारत पर राज करने के सपने को अपने साथ ही ले गया और वापस लौट गया, खैर ।
गैलिलियो गैलिली | Galileo Galilei :-

एक इतालवी खगोलशास्त्री, भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ थे। गैलिली ने दूरबीन का आविष्कार किया। उन्होंने दूरदर्शी यंत्र को ज्यादा मजबूत बनाया। अपनी शक्तिशाली दूरबीन के जरिये उन्होंने बहुत से खगोलीय अध्धयन किये। जिसमे उन्होंने चांद पर जो गड्ढे है भी देखे। उस समय तक का सिध्धांत ये था कि पृथ्वी ब्रमांड के केन्द्र में स्थित है और सूर्य, चंद्र और बाकि के ग्रह लगातार पृथ्वी की परिक्रमा करते है पर गैलिली ने पाया कि ब्रमांड में स्थित सभी ग्रह, पृथ्वी समेत सूर्य की परिक्रमा करते है। उन्होने शुक्र ग्रह और बृहस्पति ग्रह का अध्धयन किया। गैलिली ने जब कहा की पृथ्वी और बाकि के ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है जिससे धर्मगुरुओं की पुरानी अवधारणाओं का खंडन हुआ ओट चर्च ने इसे अपनी अवज्ञा मानकर गैलिली को कारावास की सजा सुनायी गयी। अपनी जिंदगी के आखरी कुछ साल उन्होंने अंधेरो में ही बिताये और साल 1642 में अपने ही घर में सजा भुगतते हुए उनकी मृत्यु हो गई।
श्रीनिवास रामानुजन् :-

श्रीनिवास रामानुजन् एक महान भारतीय गणितज्ञ थे। जिनका जन्म 22 दिसम्बर 1887 तथा निधन 26 अप्रैल 1920 को हुआ। न्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है। इन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी इन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए। इन्होंने अपने प्रतिभा और लगन से न केवल गणित के क्षेत्र में अद्भुत अविष्कार किए वरन भारत को अतुलनीय गौरव भी प्रदान किया। ये बचपन से ही विलक्षण प्रतिभावान थे। इन्होंने खुद से गणित सीखा और अपने जीवनभर में गणित के 3,884 प्रमेयों का संकलन किया। इनमें से अधिकांश प्रमेय सही सिद्ध किये जा चुके हैं। रामानुजन और इनके द्वारा किए गए अधिकांश कार्य अभी भी वैज्ञानिकों के लिए अबूझ पहेली बने हुए हैं। एक बहुत ही सामान्य परिवार में जन्म ले कर पूरे विश्व को आश्चर्यचकित करने की अपनी इस यात्रा में इन्होने भारत को अपूर्व गौरव प्रदान किया। इनका उनका वह पुराना रजिस्टर जिस पर वे अपने प्रमेय और सूत्रों को लिखा करते थे 1976 में अचानक ट्रिनीटी कॉलेज के पुस्तकालय में मिला। करीब एक सौ पन्नों का यह रजिस्टर आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बना हुआ है। इस रजिस्टर को बाद में रामानुजन की नोट बुक के नाम से जाना गया। मुंबई के टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान द्वारा इसका प्रकाशन भी किया गया है। रामानुजन के शोधों की तरह उनके गणित में काम करने की शैली भी विचित्र थी। वे कभी कभी आधी रात को सोते से जाग कर स्लेट पर गणित से सूत्र लिखने लगते थे और फिर सो जाते थे।
अलबर्ट आइंस्टीन | Albert Einstein :-
Albert Einstein आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, क्योंकि उनकी बुधिमत्ता और बड़े बड़े सिद्धांतो से पूरी दुनिया उनको जानती है। उन्होंने अंतरिक्ष, टाइम और गुरुत्वाकर्षण पर अपने बहुत सारे सिधांत दिए जो आज भी विज्ञानं में पढाये जाते हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि जब अल्बर्ट आइंस्टीन स्कूल time में वे बहुत ही कमजोर थे और उनको मंद्बुधि का छात्र भी कहा जाता था लेकिन बड़े होकर वही सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक बने। अल्बर्ट आइन्स्टीन जन्म 14 मार्च 1879, उल्मा, जर्मनी में हुआ था । वह एक सैद्धांतिक भौतिकविद थे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान उर्जा समीकरण E = mc2 के लिये जाने जाते हैं। अल्बर्ट आइन्स्टीन को उनके प्रकाश उर्जा उत्सर्जन की खोज करने के लिये सन 1921 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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अल्बर्ट ने कई क्षेत्रों में अपना योगदान दिया हैं जैसे – सापेक्ष ब्राह्मांड, कोशिकायों की गति, अणुओं का ब्रौन्नियाँ, एक अणु वाले गैस का कवान्तक सिद्धांत और उष्मीय गुण तथा भौतिकी का ज्यमितिकरण आदि 50 से भी अधिक शोध पत्रों और विज्ञान के ऊपर कई किताबे लिखी है। साल 1999 में टाइम्स पत्रिका ने उन्हें शताब्दी पुरुष घोषित किया था और उनकी गिनती विश्व के महान वैज्ञानिको में की जाती है।18 अप्रैल 1955 में महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टाइन Albert Einstein की अमेरिका के न्यू जर्सी शहर में मृत्यु हो गयी | वह अपने जीवन एक अंत तक कार्य करते रहे उअर मानवता की भलाई में उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया था | लेकिन विज्ञान में अपने अमूल्य योगदान के लिए वे हमेशा दुनिया के 10 सबसे बुद्धिमान व्यक्ति कहलायेंगे ।
आचार्य चाणक्य | Acharya Chanakya :-
यदि आप यह पोस्ट पढ़ रहे हैं तो निश्चित ही भारत देश के निवासी होंगे और इस बात को अच्छी तरह जानते होंगे की आचार्य चाणक्य कौन थे फिर भी एक बार हम अपक उनका जीवन यद् दिला देते हैं |
आचार्य चाणक्य का जन्म अनुमानित 375 – ईसापूर्व 283 में उत्तर भारत के चणक (पंजाब)में हुआ था उनको कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है वे राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति के विद्वान और एक दार्शनिक थे उन्होंने तक्षशिला से शिक्षा पाई और नालंदा विश्वविद्यालय में एक शिक्षक का कार्य भी किया |
एक मान्यता है कि पाटलिपुत्र के राजा नंद या महानंद के यहाँ कोई यज्ञ था। उसमें चाणक्य भी गए और भोजन के समय एक प्रधान आसन पर जा बैठे। महाराज नंद ने इनका काला रंग देख इन्हें आसन पर से उठवा दिया। इसपर क्रुद्ध होकर इन्होंने यह प्रतिज्ञा की कि जबतक मैं नंदों का नाश न कर लूँगा तबतक अपनी शिखा न बाँधूँगा। वे हमेशा से ही टूटे हुए भारत को अखंड भारत बनाने की कोशिश करते थे कुछ ही दिनों बाद राजकुमार चंद्रगुप्त राज्य से निकाले गए थे। चद्रगुप्त ने चाणक्य से मेल किया और दोनों आदमियों ने मिलकर म्लेच्छ राजा पर्वतक की सेना लेकर पाटलिपुत्र पर चढ़ाई की और नंदों को युद्ध में परास्त नन्द वंशो के बढ़ाते अत्याचारों से प्रजा को मुक्ति दिलायी |
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चाणक्य को भारत का एक प्रखर कूटनीतिज्ञ माना जात है उन्होंने अपनी अर्थशाश्त्र नमक पुस्तक में अपनी राजनितिक सिधान्तो का प्रतिपादन किया | जिनका महत्वा आज भी है और आज भी कई विश्वविद्यालयो में उनके अर्थशाश्त्र की शिक्षा भी दी जाती है | मौर्य वंश का असली श्रेय आचार्य चाणक्य को ही जाता है | जिन्होंने मौर्यवंश की स्थापना की तथा भारत पर राज करने के सपने को लेकर आये हुए सिकंदर और उसकी सेना को चन्द्रगुप्त मौर्य के द्वारा भारत से बहार खदेड़ा |
तो दोस्तों आपकी क्या राय हैं इन दुनिया के 10 सबसे बुद्धिमान व्यक्ति | Top 10 Most Intelligent People के बारे में comment में जरुर बताये हमें अच्छा लगेगा |
Nice information sir thanks for sharing
Sir,isme India or mahan mathematician Ramanujan ka Naam kyon nahi h?
Maine suna h ki unki Kuch equation Abhi(computer yug) me bhi solve nahi ki ja saki h.
Very nice informations sir thank you
Srinivas ramanujam ko dreams aate the tabhi wo raat ko uth ke pramay likh ke so jate the koi puchta to kehte ki mere sapne me meri kul Devi aati hai wo apna jyadatar samay mandir me bitaya krte the aur mandir ki deewaron aur farsh par maths ki equations likhte the……… Jo rajister mila hai wo abhi bhi unsolved hai.. Ye Maine unki biography me dekha…. # A man who knew infinity
डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर का नाम nahi hai .