PCOD क्या है ?
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं न वक़्त पर खाती हैं, ना सोती हैं और न ही खुद की सेहत का ख्याल रख पाती हैं। आज के ज़माने में महिलाओं की स्थिति अधिक विचारणीय है क्योंकि उन्हें घर-बाहर दोनों तरफ संतुलन बनाकर चलना होता है। ऐसे में महिलाओं में तनाव का स्तर अधिक रहता है और अंतत: वह समझौता करती हैं अपनी सेहत से।
कई बार शरीर को अनदेखा करने से विभिन्न प्रकार की समस्याएं पैदा होती है जिनमें से एक है PCOD/PCOS बीमारी। इस समस्या से पीड़ित महिलाओं में और भी अनेक बीमारियां होने का खतरा बना रहता है. यह रोग महिलाओं एवं लड़कियों में होना आजकल आम बात हो गई है. कुछ सालों पहले तक यह समस्या 30-35 उम्र की महिलाओं में अधिक पाई जाती थी पर अब स्कूल जा रही बच्चियों में भी यह समस्या आम हो गई है। आपको बता दें कि जिन लड़कियों में पीरियड्स की समस्या देखने मिलती है उन्हीं लड़कियों को पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर कम उम्र के चलते ही इस समस्या का पता लग जाए तो इसे काबू में किया जा सकता है। तो आइये जानते हैं कि किन लक्षणों से हम यह पता कर सकते हैं की वह PCOD की ओर संकेत कर रहे हैं।
PCOD के लक्षण या संकेत –
1. समय पर मासिक धर्म का न होना या अनियमित मासिक धर्म होना। यह PCOD/PCOS का मुख्य लक्षण है।
2. बालों का लगातार झड़ना।
3. चेहरे पर कील/ मुहासे होना और चेहरे पर काले गहरे धब्बे होना।
4. पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द होना।
5. अचानक वजन का बढ़ना।
6. भावनात्मक उथल-पुथल , इमोशनल होना , जल्दी गुस्सा आना , चिड़चिड़ापन आदि लक्षण PCOD के होते हैं।
7. प्रेगनेंसी में समस्या उत्पन्न होना।
8. चेहरे पर अनचाहे बालों का उगना। इस प्रकार के सभी लक्षण PCOD के होते हैं , अगर आप भी इस प्रकार के किसी लक्षण से जूझ रहे हैं तो घरेलु उपायों को छोड़कर जल्द से जल्द किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखायें।
PCOD के उपाय
प्राकृतिक उपचार –
PCOD से निजात पाने के लिए प्रकृति आपकी सहायता कर सकती है ,प्राकृतिक जगहों पर सैर करने जाएं जिससे केवल आपका तनाव ही दूर नहीं होगा बल्कि वजन भी कम होगा जिससे मासिक धर्म सही समय पर आ सकते हैं। व्यायाम आपके शरीर को स्वस्थ रखने के साथ तनाव मुक्त भी करता है। अपना कुछ वक़्त आप अकेले प्रकृति के साथ बिताएं जिससे आप का मन शांत रहे। इसके साथ आप संगीत सुने या कुछ अच्छी किताबें पढ़ें।
नियमित व्यायाम –
पैदल घूमना, जॉगिंग, योग, स्विमिंग आदि किसी भी तरह का शारीरिक व्यायाम रोज़ करें। व्यायाम के साथ आप मैडिटेशन भी कर सकती ही जिससे तनाव काम होगा। योग से जीवन में संतुलन आता है , और दिमाग व मन शांत रहता है जो आज के समय में हर मनुष्य के लिए बहुत जरुरी है।
योग और मैडिटेशन , PCOD से जूझ रही महिलाओं को इसे ठीक करने में बहुत सहायता देता है।नियमित योग तथा व्यायाम PCOD से ग्रसित महिलाओं को वजन कम करने में सहायता प्रदान करता है , और महिलाओं के शारीरिक और मांसिक तनाव को भी कम करने का काम करता है। तनाव के कम होने से नींद सही ढंग से आती है तथा दिमाग शांत होता है जिससे चिड़चिड़ापन कम होता है , साथ ही साथ वजन कम होने से PCOD की समस्या भी धीरे-धीरे स्वयं ठीक होने लगती है। अतः PCOD से जूझ रही महिलाओं की जीवनशैली में योग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है जो उन्हें इस शारीरिक और मानसिक समस्या के निदान में सहायता करता है।
स्वच्छ खानपान –
जंक फ़ूड,अधिक मीठा,फैट युक्त भोजन,अत्यधिक तैलीय पदार्थ,सॉफ्ट ड्रिंक्स, का सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए , जंक फ़ूड और बाजारू खाना खाने के बजाय अच्छा पौष्टिक आहार लेना ज़रूरी है। अपनी डाइट में फल,हरी सब्जियां,विटामिन बी युक्त आहार,खाने में ओमेगा 3 फेटी एसिड्स से भरपूर चीज़ें शामिल करें जैसे अलसी, फिश, अखरोट आदि।
आप अपनी डाइट में नट्स, बीज, दही, ताज़े फल व सब्जियां ज़रूर शामिल करें। दिन भर भरपूर पानी पीएं। मीठा खाने से परहेज करें क्योंकि डाइबिटीज़ होना इस बीमारी कारण हो सकता है। किसी भी तरह का मोटापा पैदा करने वाला पदार्थ जैसे, सफेद आटा, पास्ता, डब्बाबंद आदि न खाएं।PCOD से निजात पाने के लिए और शरीर को स्वच्छ व स्वस्थ बनाने के लिए अच्छा खानपान और पौष्टिक आहार एक सही और सटीक उपाय है।
सही जीवनशैली –
लड़कियां आजकल पढ़ाई या ऑफिस के काम में बहुत व्यस्त हो गई हैं, जिससे उनका स्ट्रेस लेवल बढ़ रहा है और वे अपनी सेहत पर भी ध्यान नहीं दे पा रही हैं। इसके अलावा मॉडर्न जनरेशन की लेट नाइट पार्टीज जिसमें बच्चे स्मोक, शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, यह उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। मॉडर्न जनरेशन के अलावा महिलाएं भी अपनी किटी पार्टीज और पब पार्टीज में इसका सेवन कर रहीं हैं।
PCOD से छुटकारा पाने के लिए लाइफस्टाइल बदलना बहुत ज़रूरी है। बहुत सी महिलाएं इसे नज़र अंदाज़ कर देती हैं क्योंकि उन्हें इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं होता है। इस कारण वे अपनी बच्चियों में यह लक्षण पहचान नहीं पाती जिससे आगे उन्हें गर्भधारण में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।इससे बचने के लिए लड़कियों को सही वक़्त पर सो जाना चाहिए और लेट नाईट तक सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहना चाहिए और सबसे जरुरी बात जो ध्यान रखने योग्य है वो यह है की लड़कियों को रात के समय में मोबाइल फ़ोन का उपयोग कम से कम करना चाहिए खासकर के वो जो PCOD की समस्या से जूझ रही हों। PCOD के लिए सही समय पर सही उपचार करना अत्यंत जरुरी है अगर ऐसा न किया जाए तो परिणाम काफी गंभीर हो सकता है। क्योंकि PCOD की समस्या आज के समय में महिलाओं के लिए कठिन परिस्थितियां उत्पन्न क्रर रही है। अगर आपको इस तरह के लक्षण नजर आएं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से जरूर परामर्श लें और जल्द से जल्द इसका उपचार क राएं।
सही आहार, नियमित व्यायाम और जीवनशैली में सुधार करके इस समस्या को रोकने का प्रयास किया जा सकता है।
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