आपको मैंने इस से पहले आलसी तोते और एक शिकारी की कहानी बताई थी, और आज मैं आपको बताऊंगा एक किसान और सांप की कहानी तो चलो अब पढ़ते हैं
किसान और सांप की कहानी | Story of a farmer and snake in hindi
एक बार एक गाँव में एक किसान था। किसान की सारी जमीन तीन सालो से पड़े अकाल से सूकी पड़ गयी थी सर्दियों में एक ठंडी शाम को किसान एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसने पास ही एक बिल के पास सांप देखा, तो फिर किसान सोचने लगा यह सांप यहीं रहता है लेकिन मैंने कभी इसकी पूजा नहीं की शायद इसी वजह से मेरी जमीन सुख गयी है। अब मैं रोज इस सांप की पूजा करूँगा तो वह गया और एक कटोरी में दूद लेकर आया , उसने वह दूद का कटोरा सांप के बिल के पास रख दिया। और कहा
“हे सर्प देवता मैं नहीं जानता था, की तुम यहाँ रहते हो इसलिए मैंने तुम्ह्रारी पूजा कभी नहीं की, इसलिए मुझे क्षमा कर दे मुझे नहीं पता था की आप यहाँ रहते हैं अब मैं रोज आपकी पूजा करूँगा “।
किसान ने सांप की दूद पेश किया और अगली सुबह किसान को उस कटोरे में एक चमकती हुई चीज मिली, यह एक सोने का सिक्का था। अब हर रोज किसान सांप को दूद पेश करता और एक सोने का सिक्का प्राप्त करता । एक दिन किसान दुसरे गाँव गया था और उसने अपने बेटे को हर रोज दूद देने को कहा उस शाम उसका बेटा सांप को दूद देने गया ।
अगली सुबह किसान के बेटे ने देखा की कटोरे में एक सोने का सिक्का है, तो वह सोचने लगा की यह सांप कंजूस है इसके बिल में तो बहुत सारे सोने के सिक्के होंगे, लेकिन यह हमको सिर्फ एक ही सिक्का देता है । अगर मैं इसको मार दू तो इसका सारा सोना मेरा हो जाएगा ।
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अगले दिन सांप को दूद देते वक़्त किसान के बेटे ने सांप पर एक छड़ी से वार कर दिया। और सांप को गुस्सा आया गया और उसने किसान के बेटे को डंस दिया, और किसान का बेटा वही पर मर गया । सांप भी जख्मी था इसलिए वह भी धीरे धीरे अपने बिल में गया और किसान के रिश्तेदारों ने उसके बेटे का दाह संस्कार किया ।
जब किसान वापस लौटा तो उसकी पत्नी ने उसको सारी बात बतायी । उसको सांप पर बहुत गुस्सा आया, और जब किसान सांप के पास गया तो सांप ने किसान को सब कुछ बताया। और कहा की मैं जानता हूँ कि मेरे बेटे का दोष है, मैं उसकी तरफ से आपसे माफ़ी मानता हूँ ,कृपया मुझे माफ़ कर दो । और फिर किसान गया और एक कटोरे में फिर से सांप के लिए दूद लेकर आया और सांप के आगे पेश कर दिया । और कहा कि कृपया मेरे बेटे को माफ़ कर दीजिये ।
सांप ने कहा – उन लकडियो के ढेर और मेरे सिर को देखो, ये न तो तुम्हारे बेटे का दोष था और न ही मेरा परिस्थिति ही कुछ ऐसी थी भाग्य के आगे हम सब असहाय हैं ।
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किसान और सांप की कहानी से सीख
तो इस कहानी को पढ़कर हमें यह सीख मिलती है कि, हमको ज्यादा लोभ और लालच कभी नहीं करना चाहिए ये सभी चीजे लोभ, मोह, क्रोध भगवान् ने इंसान के लिए ही बनाये हैं। लेकिन इनको आवशकता अनुसार की उपयोग करना चाहिए । यदि हम जरुरत से जायदा लोभ, मोह, क्रोध करेंगे तो वह हमको नष्ट कर देता है । ऐसा श्रीमदभगवत गीता में श्रीकृष्ण ने भी कहा है ।और आपको इस कहानी से भी यही सीख मिलती है तो कैसे लगी आपको यह किसान और सांप की कहानी | Story of a farmer and snake in hindi पढ़कर कमेंट में बताएं।